क्या दान मिली वस्तु को बेच सकते हैॽ

 प्रश्नः— मृतात्मा के निमित्त ब्राह्मण को शय्या‚ वस्त्र आदि का दान करते हैं तो ब्राह्मण उन्हें बेच देते हैं और रूपये इकट्ठे कर लेते हैं‚ क्या यह उचित हैॽ

उत्तरः— ब्राह्मण को दान में मिली वस्तु नहीं बेचनी चाहिये प्रत्युत बल्कि उसको अपने काम में लेनी चाहिये। यदि वह उस वस्तु को बेचता है तो उसको पाप लगता है और जो उसकाे खरीदता है‚ वह उस मृतात्मा का कर्जदार होता है‚ क्योंकि उसने वह वस्तु सस्ते में खरीदी है। 

    यदि विधिकर्ता ब्राह्मण को शय्या आदि वस्तुओं की आवश्यकता न हो तो यजमान को चाहिये कि वह उस ब्राह्मण से संकल्प करवा ले और उन वस्तुओं को दूसरे गरीब‚ अभावग्रस्त ब्राह्मण को दे दे। यदि विधिकर्ता ब्राह्मण ऐसा करने में राजी न हो तो उसको वस्तुएँ दे दे‚ फिर उन वस्तुओं को पैसे देकर वापस खरीद ले और उन्हें दूसरे गरीब ब्राह्मण को दे दे। ऐसा करने से विधिकर्ता ब्राह्मण को तो रुपये मिल जाएंगे और गरीब ब्राह्मण को वस्तुएँ मिल जाएंगी। तात्पर्य है कि वस्तुएँ उसी ब्राह्मण को देनी चाहिये‚ जो उनको स्वयं काम में ले।

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