एक 'चक्ववेण' नामके धर्मात्मा राजा थे। राजा और रानी दोनों खेती करते थे और खेती से जितना उपार्जन हो जाय, उससे अपना निर्वाह करते थे। राज्…
Read more »एक सीधे सरल स्वभाव के राजा थे। उनके पास एक आदमी आया, जो बहुत होशियार था। उसने राजा से कहा कि अन्नदाता! आप देश की पोशाक पहनते हो। परन्तु आप राजा …
Read more »एक लड़का था । माँने उसका विवाह कर दिया। परन्तु वह कुछ कमाता नहीं था। माँ जब भी उसको रोटी परोसती थी, तब वह कहती कि बेटा! ठण्डी रोटी खा लो। लड़केक…
Read more »एक बनजारा था। वह बैलोंपर मेट (मुल्तानी मिट्टी) लादकर दिल्लीकी तरफ आ रहा था । रास्तेमें कई गाँवोंसे गुजरते समय उसकी बहुत-सी मेट बिक गयी । बैलोंकी…
Read more »एक राजाको बोध (तत्त्वज्ञान) हो गया। उसने राजदरबारमें अपने मंत्रियोंसे पूछा कि किसीको कोई दुर्लभ वस्तु मिल जाय तो वह क्या करे? किसी मंत्रीने कहा कि …
Read more »एक सेठ था। वह बहुत ईमानदार और धार्मिक प्रवृत्तिवाला था। एक दिन उसके यहाँ एक बूढे पण्डितजी आये। उनको देखकर सेठ की उन पर श्रद्धा हो गयी। सेठ ने आद…
Read more »प्रश्नः— धार्मिक सिनेमा देखना चाहिये या नहींॽ उत्तरः— धार्मिक सिनेमा या धार्मिक टीवी सीरियल देखने में हानि है; क्योंकि इनके निर्माताओं की दृष्टि पैस…
Read more »।।दुर्गा सप्तश्लोकी।। ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥1॥ वे भगवती महामाया देवी ज्ञानियोंके भी चित्त को बलपूर…
Read more »प्रश्नः— क्या स्त्री को गायत्री मंत्र का जप करना चाहियेॽ उत्तरः— स्त्री को गायत्री मंत्र का जप नहीं करना चाहिये। आजकल गायत्री मंत्र का जप वे स्त्रि…
Read more »महर्षि अत्रि की पतिव्रता पत्नी अनसूया के गर्भ से भगवान् विष्णु ने दत्तात्रेय के रूप में अवतार ग्रहण किया था। अत्रि एवं अनसूया की तपस्या से प्रस…
Read more »सहस्रार्जुन हैहयराज कृतवीर्य के पुत्र थे। इनका मुख्य नाम तो अर्जुन था लेकिन हजार भुजाएँ होने के कारण इन्हें सहस्रार्जुन नाम से जाना जाता है। अपन…
Read more »प्रतिष्ठानपुर में एक कौशिक नामक ब्राह्मण था‚ जो पूर्वजन्म में किये पापों से कोढ से व्याकुल रहने लगा। ऐसे रोग से युक्त होने पर भी उसे उसकी पत्नी…
Read more »प्रश्नः— कोई स्त्री सती होती है तो उसे आत्महत्या का पाप क्यों नही लगताॽ उत्तरः— कोई स्त्री सती होती है तो उसे आत्महत्या का पाप नहीं लगता; क्योंकि यह…
Read more »प्रश्नः— कामवृत्ति का नाश कैसे होॽ उत्तरः— शरीर के साथ अपना संबंध मानने से ही कामवृत्ति पैदा होती है। हमारा स्वरूप सत्तामात्र है। सत्तामात्र की तरफ …
Read more »प्रश्नः— मृतात्मा के निमित्त ब्राह्मण को शय्या‚ वस्त्र आदि का दान करते हैं तो ब्राह्मण उन्हें बेच देते हैं और रूपये इकट्ठे कर लेते हैं‚ क्या यह उचित…
Read more »प्रश्नः— क्या मृत्यु के बाद नेत्रदान करना उचित हैॽ उत्तरः— सर्वथा अनुचित है। जैसे सम्पत्ति देने का अधिकार बालिग हो होता है‚ नाबालिग को नही होता‚ ऐस…
Read more »प्रश्नः— जब धन प्रारब्धके अनुसार ही मिलेगा तो फिर उद्योग क्यों करेॽ उत्तरः— सामान्य भाषा में यह प्रश्न इस प्रकार भी पूछा जा सकता है कि जब सब कुछ पहले…
Read more »जब देवर्षि नारद राजकुमारी विश्वमोहिनी से विवाह की इच्छा रखते हुए विष्णु भगवान् से उन्हीं के जैसे रूप की याचना करते है तो भगवान् कौतुक करते हुए उ…
Read more »।।महाभारत सार।। मातृपितृसहस्राणि पुत्रदारशतानि च। संसारेष्वनुभूतानि यान्ति यास्यन्ति चापरे।। मनुष्य इस संसारमें हजारों माता-पिताओं तथा सैकड़ों स्त्री…
Read more »